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कुश्ती

मेरे गांव के मेले में
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हर साल मार्च के महीने में मेरे गांव में मेला लगता है,

इस साल पहली बार मुझे जाने का मौका मिला।

जब पहले दिन गया तो मेरा दोस्त दीपिन वहां गाओं वालो को कोम्बुचा ट्राइ करवा रहा था।

उसने मुझे कहा की अगले दिन कुश्ती का कार्यक्रम है और मुझे दो बजे आने को कहा।

अगले दिन एक बजे मैं तैयार होकर वहां पंहुचा और दीपिन से मिला,

उसने कहाँ की आगे जाकर एक अच्छी सी सीट पर बैठ जाने और इंतज़ार करे।

कुछ ही पल में पूरा ग्राउंड गांववालों से भर गया और कुश्ती का कार्यक्रम शुरू हुआ।

शुरू होते हे मुझे फोटो लेने से ज़्यादा वीडियो बनाने का मन हुआ।

एक से बढ़कर एक पहलवान जम्मू, हरयाणा, मंडी, चंडीगढ़ से वहां आये हुए थे,

मेरे साथ जो भाईसाहब बैठे थे, उन्होंने कहाँ की जम्मू और हरयाणा के बीच मुकाबला सबसे बेहतरीन होता है।

देखते देखते एक एक धुरंदर आए और गए,

कुछ जीते और कुछ हारे।

सेमि-फाइनल तक मेरा दोस्त सनत भी आ गया मुकाबला देखने पर नया राउंड स्टार्ट होने से पहले हे बारिश हो गयी,

सब इधर उधर चले गए।

मैंने एनाउंसर को कहते हुए सुना की अगले दिन चार बजे सेमि-फाइनल जारी होगा।

पर में अगले दिन नहीं जा पाया।

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